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असम

गुवाहाटी
यह असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रवेश द्वार है। यह महानगर के रूप में तीव्र गति से बढ़ रहा है।रूचिकर स्थानः कामाख्या और भूवनेश्वरी मंदिर (9 कि0 मी0) नवग्रह मंदिर, राज्य चिड़ियाखाना संग्रहालय, गांधी मंडप, श्रीमंत उमानन्द मंदिर द्वीप।
कामाख्या और भुवनेश्वरी मंदिर
मा कामाख्या देवी का शक्ति मंदिर नीलाचल पर्वत के शिखर पर स्थित है जो गुवाहाटी स्टेशन से आठ कि0 मी0 दूर है। तांत्रिक शक्ति का महानतम मदिंर का उल्लेख समुद्रगुप्त के इलाहाबाद के स्तम्भ में उत्कीर्ण है। अमबुबासी और मनसा पूजा के दौरान पूरे भारत वर्ष से भक्तगण इस पवित्र स्थल पर एकत्रित होते है।

शंकरदेव कलाक्षेत्र
यह गुवाहाटी शहर के पंजाबाड़ी क्षेत्र में स्थित है। यह एक ही परिसर में पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को दर्शाते हुए एक कला और सांस्कृतिक संग्रहालय है। यहॉ बच्चों के लिए एक सुंदर पार्क है। परिसर के अंदर दर्शनीय बनाने के लिए जल्दी ही एक ऊंचा सरर्कुलर रेल बनाया जाएगा।

उमानन्द मंदिर
महान शिव मंदिर गुवाहाटी में बहापुत्र नदी के मध्य स्थित पीकॉक आइलैंड पर है जो शिवरात्रि के दौरान पूरे देश के भक्तों को आकर्षित करता है।
असम राज्य संग्रहालय
असम राज्य संग्रहालय 1940 में कामरूप अनुसंधान द्वारा स्थापित किया गया था जिसे असम के राज्यपाल द्वारा औपचारिक रूप से उद्रघाटन किया गया था। स्व0 कनकलाल बरूवा संस्थापक अध्यक्ष थे। वर्ष 1953 में इसे राज्य सरकार के अधिकार में लिया गया था। संग्रहालय की प्रदर्शनी निम्नलिखित खंडों के अंतर्गत प्रदर्शित किया जाता है। पुरालेख शास्त्र, मूर्तिकला, विविध, प्राकृतिक इतिहास, शिल्प, मानव विज्ञान और लोक कला एवं शस्त्र खंड।
नवग्रह मंदिर
नवग्रह मंदिर गुवाहाटी में चित्राचल पहाड़ी पर स्थित है जो अभी भी ज्योतिष विज्ञान और खगोलियअनुसंधान का केन्द्र है।
तिरूपतिबालाजी
भगवान तिरूपति बालाजी का पवित्र प्राचीन मंदिर तिरूपति में है। तामिलनाडू ने हाल ही में बेतकु़ची, बेलतोला (गुवाहाटी) में एक मंदिर का निर्माण करवाया है। पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के तीर्थ यात्रियों के लिए यह एक पवित्र स्थल है। यह एक अनुखा नमुना है। जिसे कलात्मक रूप से तैयार किया गया है जहॉ भगवान गणेश, भगवान बालाजी, देवी दुर्गा तथा पवित्र वातावरण के साथ एक सुन्दर पार्क है।
महावीर मंदिर
भगवान महावीर का पवित्र प्राचीन मंदिर एस आर सी बी रोड, फैंसी बाजार, गुवाहाटी में स्थित है।
सिख मंदिर
गुरूद्वारा सिंह साहेब सिख मंदिर के नाम से प्रसिद्व है। यह फैंसी बाजार, गुवाहाटी के बीच में स्थित है।
गुवाहाटी चाय नीलामी केन्द्र
गुवाहाटी चाय नीलामी केन्द्र राज्य सचिवालय के बिल्कुल समीप स्थित है। यह क्षेत्र का प्रमुख चाय व्यापार केन्द्र है।
गुवाहाटी प्लेनेटोरियाम
यह गुवाहाटी हाई कोर्ट और होटल ब्रहापुत्र के नजदीक स्थित है जो सभी उम्र के लोगों को आकर्षित करता है।
नेहरू पार्क
यह गुवाहाटी का सबसे प्रसिद्व पार्क है जिसे पुनरूद्वार किया गया है और यहॉ सांस्कृतिक थीम के साथ- साथ विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की सुविधाएं हैं। संध्या के समय यहाँ बहुत सी सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। विश्राम के लिए यह एक आदर्श स्थान है। यह जज फिल्ड के नजदीक स्थित है।
एकोलैंड पार्क
जी एन बी अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा के मार्ग पर बच्चों का एक मनोरंजक पार्क हैजो मेघालय के सुरम्य पहाड़ियों से घिरा है।
मानस राष्ट्रीय पार्क
असम का एक मात्र बाघ परियोजना मानस भारत का सर्वोत्तम भव्य राष्ट्रीय पार्को में से एक है। यह हिमालय पर्वत के फुटहिल्स में मानस नदी के किनारे स्थित है। सुरभ्य सौंदर्य और दुर्लभ संपदा के अद्वितीय मिश्रण के साथ विरासत स्थल है। बाघ ही एकमात्र जंगली जीव नहीं है जो यहॉ पाये जाते है। मानस की विशेषताएं अपनी है। बहुत दुर्लभ प्रजातियॉ जैसे हिसपिड खरगोश, पिग्मीहॉग सुनहरा लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाड भैंसा इत्यादि है। मानस गुवाहाटी से सड़क मार्ग से 176 कि0 मी0 दूरी पर है।
सबसे नजदीकी रेल शीर्ष बरपेटा रोड जो मानस से 40 कि0 मी0 दूरी पर है।
सबसे नजदीक हवाई अड्डा ----- लोकप्रिय गोपी नाथ बोरदोलई अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा गुवाहाटी में है।
नवम्बर से अप्रैल तक का मौसम भ्रमण के लिए अच्छा है।
 जोरहाट
जोरहाट हमेशा से एक गुंजायमान नगर रहा है पारंम्परिक और आधुनिकता का सम्पूर्ण मिश्रण है। स्वतंत्रता से पूर्व के दौरान यहाँ अंग्रेजो के विरूद्व संघर्ष रहा है।ऐतिहासिक रूप से यह अहोम साम्राज्य की अंतिम राजधानी थी। यहॉ अहोम साम्राज्य जिसने असम पर 6 शताब्दियों तक शासन किया।
काजीरंगा
काजीरंगा दुर्लभ एक सिंग वाले भारतीय गैंडों का वास स्थल है। इस अभयारण्य में असंख्य प्रकार के जंगली जीव है जैसे जंगली भैंसा, साम्बर, हॉग, हाथी, बाघ इत्यादि। काजीरंगा जोरहाट और गुवाहाटी से सड़क द्वारा पहुँचा जा सकता है।

ओरंग
ओरंग (राजीव गांधी) रीष्ट्रीय पार्क
यह छोटा काजीरंगा है जे 78.81 वर्ग किलो मीटर तक फैला हुआ है और यह असम के दरांग जिले में स्थित है। इस अभयारण्य का साठ प्रतिशत घास भूमि है।
इस अभयारण्य में एक सिंग वाला गैंडा, चीता, हाथी, साम्बर पक्षियों की विभिन्नताएं जैसे हरा कबुतर, फ्लोरिकैन, चील, हंस इत्यागि। पक्षियों की विभिन्न प्रजातियॉ जैसे पेलिकन जलकौवा, ग्रेलैग गुण, बड़ी चील विछलिंग ट्रीगेट चमरघेंघ, राजगिद्व इत्यादि भी इस अभ्यारण्य को वास के लिए अनुकूल पाते है। ओरंग गुवाहाटी से 150 कि0 मी0 और तेजपुर से 31 कि0 मी0 की दूरी पर है।
नजदीकी रेल शीर्ष-------रंगापाड़ा(मीटर लाइन) है।
नजदीकी हवाई अड्डा--------- सालोनिबाड़ी(तेजपुर) है।
 सरकारी और निजी बसें गुवाहाटी से नियमित रूप से चलती है।
शिवसागर
शिवसागर अहोम साम्राज्य की प्राचीन राजधानी है। यह नगर ऐतिहासिक शहर रंगपुर स्थल के नजदीक शिवसागर टैंक के चारों ओर निर्मित है।

लीडो
लीडो एक प्रमुख कोयला क्षेत्र है जो द्वितीय विश्व युद्व की स्मृतियों से भरा है उपर्युक्त तसवीर लीडो ब्रिकवर्क्स मेंडब्लु जी बंगाल लोको डैविड का है।

डिगबोई
डिगबोई विश्व का पुरानत्तम परिचालित और द्वितीय पुरानत्तम तेल क्षेत्र है। डिगबोई रिफाइनरी ने 2001 में सौ वर्ष पूरे किए। मध्य पूर्व में पाये जाने से बहुत पहले डिगबोई में तेल क्षेत्र खोजा गया। डिगबोई में 999 तेल कुएं हैं। इसके आस पास कोयला और तेल प्रचुर है।
हाफलांग
यह असम का एकमात्र हिल स्टेशन और नार्थ कछार हिल आटोनोमस डिस्ट्रीक्ट काउंसिल का मुख्यालय है। समद्री सतह से 680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह शहर सौ वर्ष पुराने लामडिंग बदरपुर रेल हिल सेक्शन पर स्थित है जो अपने आप में रेलवे के लिए रोमांचक और दुर्लभ विरासत है यह मीटर लाइन रेलपथ एक इंजीनियरी चमत्कार का नमूना है तथा उनलोगों के साहस और द्वढ़ निश्चय का प्रमान है जिन्होने सीमित तकनीकी संसाधनों द्वारा विषम भुभाग एवं सबसे कठिनतम प्राकृतिक तत्वों पर विजय प्राप्त करते हुए आश्चर्य जनक इस परिवहन व्यवस्था का निर्माण किया।
इस क्षेत्र की प्रमुख जनजातियाँ डिमासा, जयंतिया तथा जेमी नागा और इसके अलावा अन्य जातियाँ है।स्थानीय भाषा डिमासा है।
दिफू, नगांव, दीमापुर और सिलचर से आने के लिए सरकारी एंव निजी बस सेवाएं सड़क द्वारा उपलब्ध है। लामडिंग और सिलचर से मीटर रेल लाइन ट्रेन सेवा रेल द्वारा उपलब्ध है।

 जाटिगां
हाफलांग पहाड़ियों के समीप एक गाँव है जो झुंडों में आत्महत्या करने वाले पक्षियों के रहस्य के लिए प्रसिद्व है। यह एक आसाधारण घटना है जिसकी अभी तक व्याख्या नहीं की जा सकी है। पक्षी विशेषज्ञ इस स्थल पर आकर इस आसाधारण घटना की अध्यन करते हैं। यह क्षेत्र आर्किड (फूलों और पौधो) की विभिन्न जातियाँ जैसे ब्लू वंडा (एक प्यारा स्काई ब्लू ऑर्किड) जो संसार में अपने आप में एक मात्र है। हाफलांग में दो झीलें हैं जहाँ शांतिपूर्वक नौकाविहार किया जा सकता है।
 सिलचर
सिलचर असम के सुरमा घाटी पर है। यहा मिजोरम और त्रिपुरा का प्रवेशद्वार है। सम्पूर्ण जिला विशेषकर मेघालय और मिजोरम सीमा के अंतर्गत प्राकृतिक दृश्य आसाधारण है और सिलचर अपने बेत और बांस शिल्प के लिए प्रसिद्व है।




Source : Welcome to North East Frontier Railway / Indian Railways Portal CMS Team Last Reviewed : 10-02-2011  


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